आज के समय में जलवायु परिवर्तन विश्व के सामने एक बड़ी समस्या है। मानव हस्तक्षेप से प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है। वनों की कटाई, प्रदूषण, औद्योगिक धुआँ और वाहनों के बढ़ते उपयोग के कारण वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा तेजी से बढ़ गई है। इसके परिणामस्वरूप पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है और इसका सीधा असर ऋतुओं के चक्र पर पड़ रहा है। वर्षा अनियमित हो गई है, कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है।
उपाय और हमारी ज़िम्मेदारी
इस संकट से उबरने के लिए हर किसी को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी। वृक्षारोपण करना, प्रदूषण कम करना, नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करना और पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अपनाना कुछ महत्वपूर्ण कदम हैं। जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए सरकार, उद्योग और नागरिक सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। यदि हमने अभी कदम नहीं उठाए, तो आने वाली पीढ़ियों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। पृथ्वी को बचाना केवल आवश्यकता ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति का नैतिक दायित्व भी है।